माया, रूबी और बॉबी, तालिबान से बचाकर ये तीन कुत्ते भी लाए गए दिल्ली

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दिल्ली। तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया है। अमेरिकी सेना के जाने के कुछ दिनों बाद ही तालिबान ने यह सब किया है। अफगानिस्तान समेत दुनियाभर के तमाम लोग यह देश छोड़कर भाग रहे हैं। भारत द्वारा काबुल स्थित दूतावास से अपने राजदूत और कर्मचारियों को स्वदेश वापस लाया जा रहा है। इसी बीच दूतावास में तैनात तीन खोजी कुत्तों को भी वापस भारत लाया गया है। इनका नाम माया, रूबी और बॉबी है। इनकी तस्वीरें भी जारी की गई हैं।

दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंगलवार को जब भारतीय वायुसेना के विमान के द्वारा भारतीय दल काबुल से भारत पहुंचा तो उसी दल के साथ तीनों कुत्तों को भी भारत लाया गया। फिलहाल उन्हें आईटीबीपी के छावला कैंप में रखा गया है। कमांडो की टुकड़ी के साथ माया, रूबी और बॉबी मंगलवार को गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना अड्डे पर उतरे थे। ये तीनों भारतीय दूतावास की सुरक्षा में तैनात थे और उन्होंने कई बार वहां पर सुरक्षा अधिकारियों की सहायता भी की थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों ने कई बार काबुल में भारतीय दूतावास के पास विस्फोटक को सूंघकर पहचान की और दूतावास के भारतीय कर्मचारियों तथा अफगान कर्मचारियों की सहायता की है। इन तीनों कुत्तों को हरियाणा के पंचकुला में स्थित डॉग ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षित किया गया है। आईटीबीपी के अनुसार तीनों कुत्ते जब भारतीय जमीन पर पहुंचे तो काफी खुश नजर आ रहे थे।

इन तीनों को आईटीबीपी के छावला कैंप में रखा गया है। भारतीय वायुसेना फिलहाल अफगानिस्तान से राजनयिकों और अन्य लोगों को निकालने में जुटी है। इसी कड़ी में मंगलवार को काबुल से एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर विमान 120 लोगों को लेकर दिल्ली पहुंचा। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया था कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि काबुल में हमारे राजदूत और सभी भारतीय कर्मचारी तुरंत भारत आएंगे।

बता दें कि अफगानिस्तान से बाहर निकलने में भारतीय राजनयिकों को जिस तालिबान से मौत का खौफ था, वे ही उन्हें काबुल के एयरपोर्ट तक हथियारों से लैस होकर पूरी सुरक्षा के साथ छोड़कर गए। काबुल में भारतीय दूतावास के बाहर मशीन गन और रॉकेट लॉन्चर्स के साथ तालिबान के लड़ाके खड़े थे। वहीं परिसर के अंदर 150 राजनयिक थे, जो घबराए हुए थे और बाहर निकलने पर उन्हें तालिबान से जान का डर सता रहा था। लेकिन जब बाहर निकले तो वही बंदूकें लिए खड़े थे। उन्होंने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और साथ जाकर एयरपोर्ट तक छोड़कर आए। ( साभार हिंदुस्तान )

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