
धमधा। पूरे प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं अब तक धमधा ब्लाक में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण किसानों की माथे पर चिंता की लकीर बनी हुई है दूसरी तरफ देखा जाए खाद के संकट ने किसानों को परेशानी में डाल रखा है वही शुरुआती दौर में अधिक बारिश होने से धान के बीज भी खराब हो चुके हैं सोसायटीयो में खाद बीज की किल्लत बनी हुई है बीते 15 दिनों से सोसाइटीयो में खाद नहीं मिल रहा है और बाजारों में बेचैलियों द्वारा खाद का अवैध भंडारण कर किसानों को दुगने दाम पर बेचे जा रहे हैं वहीं किसान खाद लेने पर भी मजबूर हैं राज्य सरकार द्वारा किसानों को कंपोस्टिंग गोबर खाद लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है वही किसानों को गोबर खाद लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए गौरतलब है कि खाद की किल्लत पर राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के ऊपर ठीठोरा पीटकर वह वाही बटोरने का प्रयास किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है इस दुख की घड़ी पर किसान हितेषी कहे जाने वाले राज्य सरकार को चाहिए कि किसानों को तत्काल खाद उपलब्ध कराएं दूसरी तरफ देखा जाए तो अल्प वर्षा के चलते ट्यूबवेल बोर पर वाटर लेबल डाउन होने के कारण वही अटल ज्योति में पर्याप्त बिजली नहीं होने के कारण किसान के अभी से फसल खराब होने के कगार पर आ चुका है धान के अंकुरित पौधे में अभी धान के बीज खराब होने के बाद किसानों द्वारा थरहा लगाई गई है जो पौधे के रूप में विकसित नहीं हो पा रहा है क्यों कि पानी नहीं गिरने के कारण नहीं हो पा रहा है वही पौधे में फफोला एवं पीलापन आना शुरू हो चुका है ऐसे में किसान के सामने दोहरी मार झेलने मजबूर है अल्प वर्षा खाद की समस्या से किसान जूझने को मजबूर हैं। पिछले साल की फसल बीमा राशि कई ग्रामों में नहीं मिला है और ना ही दुसरे तरफ़ खराब फसल की मुआवजा राशि नहीं मिलने से किसान आक्रोशित है अभी राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए कुटकी,कोदो, योजनाओं के माध्यम से फसल चक्र अभियान की सही जानकारी नहीं होने से आज भी किसान धान की फसल उगा रहे हैं वही सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर नहीं पहुंच पा रहा है

