
कौड़ियों के दाम में बेचने वाले फसल चक्र को अब सही मायने में हक और मुआयना किसानों को मिलेगा फूड प्रोसेसिंग यूनिट के तहत

धमधा। धमधा ब्लॉक के अंतर्गत बरहापुर पंचायत के धरमपुरा ग्राम में बीते कुछ महीनों पहले उद्योग विभाग द्वारा मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे एवं अध्यक्षता केबिनेट मंत्री कवासी लखमा के द्वारा 8.72 हेक्टेयर में निर्मित करोड़ों की लागत से वृहद रूप से बनने वाले फूड प्रोसेसिंग यूनिट पार्क का भूमिपूजन 11 मार्च 2021 को किया गया था। उघोग विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट को छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को इस जगह का डेवलपमेंट के लिए आधिपत्य सौंप दिया गया है। अब इसके बनने का क्षेत्र के किसानों को बेसब्री से इंतजार है ।गौरतलब है कि इस महत्व योजना को 4 माह से विभागीय कोई परिपालन ना होने से क्षेत्र के किसानों में मायूसी देखी जा रही है ।भूमि पूजन के दौर में जिस उत्साह वर्धन के माध्यम से जागृत किसान अपनी फसल चक्र को सही दर सही कीमत पर बेचकर एक सफल किसान के रूप में जाने जाते वही धमधा ब्लॉक के ग्राम पेंड्री, कंहारपुरी में टमाटर खेती के नाम से पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में ख्याति प्राप्त छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किए हैं बीते कई वर्षों से इन किसानों की सही मूल्य न मिलने का कारण सैकड़ों ट्रालिया टमाटर ट्रैक्टर से पीसकर चटनी रूपी सड़क में बहा दिया गया था। यह भी एक नजारा धमधा ब्लॉक में देखने को मिला था उसी समय प्रदेश के कद्दावर कृषि मंत्री उस दौर में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा कर किसान का जन आंदोलन लेकर अपने हाथों में यह वचन दिया था छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने पर फूड योजना के तहत पूरे किसानों को छत्तीसगढ़ में लाभ दिया जाएगा जिसका प्रमुख नजारा धमधा ब्लॉक धरमपुरा गांव में योजना के अनुरूप यह कार्य को भूमि पूजन के माध्यम से किया गया आज भी किसान दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है क्षेत्र के किसान दुर्ग मंडी ,रायपुर मंडी, कुम्हारी मंडी, गंडई मंडी ,धान मंडी ,बेमेतरा मंडी, राजनांदगांव मंडी के ऊपर निर्भर है चालू किया जाए तो किसानों को समृद्ध बनने से कोई नहीं रोक सकता।
धमधा इलाके को कृषि प्रधान क्षेत्र के नाम से जाना जाता है ब्लॉक मुख्यालय से लगे हुए ग्राम धौराभाठा में अमरूद ,सीताफल ,कटहल, पाइनएप्पल जैसे फल सब्जियों का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है यह फार्म एशिया महाद्वीप के नामी में प्रथम सीताफल के उत्पादन के नाम से जाना जाता है इसी प्रकार लालपुर में जाम, बेर ,केला का फल संग्रहण का देश के अन्य हिस्सों में सप्लाई की जाती है। मंडियों में सही भाव नहीं मिलने के कारण बड़े कृषक पूरे 12 महीना बीतने के बावजूद मायूस एवं निहत्था नजर आते हैं छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिए कि उद्योग विभाग के माध्यम से प्लांट जल्द प्रारंभ की जाए तभी कमीशन एजेंट जैसे जेबकतरों से किसान बच पाएंगे और छत्तीसगढ़ के किसानों को सही मूल्य मिल पाएगा।
प्रदेश के कृषि मंत्री एवं धमधा साजा क्षेत्र के विधायक रविंद्र चौबे के इलाके में यह बड़ा प्रोजेक्ट भूमि पूजन के माध्यम से आरंभ किया गया था जिसमें प्रशासनिक तामझाम लाव लश्कर के साथ भूमि पूजन किया गया था जो कि आज बड़े ही शर्म का विषय है जिले के आला अधिकारियों की मनमानी पूर्ण करने से प्रोजेक्ट कागज में ही सिमटी हुई नजर आ रही है मंत्री जी के सोच के विपरीत अधिकारियों की यह कार्यशैली समझ से परे है बीते आने वाले मिशन 2023 तक किसानों के हित और अभिमान से जुड़ा प्रोजेक्ट यह पूरा हो पाएगा या नहीं बड़ा प्रश्न चिन्ह लग चुका है।
