
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के समीप चल रही खुदाई में जलाधारी शिवलिंग मिला है. पुरातत्वविदों के अनुसार यह प्राचीन संपदा 11-12वीं शताब्दी की है. मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने फिलहाल खुदाई स्थल को सुरक्षित करा दिया है. पुरातत्वविद के अनुसार शिवलिंग का ऊपरी भाग टूटा हुआ है. प्रतिमा विज्ञान के अनुसार शिवलिंग के तीन भाग हैं, ब्रह्मा – विष्णु – महेश. जो ऊपरी गोलाकार भाग टूटा हुआ है वह महेश या शिव भाग है।

जलाधारी का मुख उत्तर दिशा की ओर है, यह स्वाभाविक ही है. पूर्व में निकली मूर्तियां भी खण्डित ही हैं क्योंकि सुरक्षित रही सभी मूर्तियां मराठा काल में बने नवीन मंदिर में उपयोग की गई हैं. खुदाई में क्षतिग्रस्त प्रतिमा, पुरासंपदा का प्राप्त होना इस बात का प्रमाण है कि 11-12वीं शताब्दी में आक्रांताओं द्वारा महाकाल मंदिर पर आक्रमण किया था.
