
अमानक खाद से किसान परेशान

धमधा ।छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बारी के अंतर्गत प्रायः प्रायः सभी गांव में गौठान बनाया गया है वही गौठान समिति एवं महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाया गया है वही देखा जाए तो कंप्लीट कंपोस्ट खाद नहीं बनने के बावजूद मिट्टी को कंपोस्ट खाद कह कर जबरदस्ती समिति के माध्यम से किसानों को थमाया जा रहा है बता दें कि धमधा ब्लाक के ग्राम पंचायत दानी कोकड़ी में कंपोस्ट खाद के नाम पर सेवा सहकारी समिति द्वारा जबरदस्ती किसानों को पर्ची थमा कर मिट्टी लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस कंपोस्ट खाद को किसानों को आबंटित की गई है उसमें पूरा भुरभुरा मिट्टी ही नजर आ रहा है जिससे किसान अपने खेतों में उर्वरक बढ़ाने की क्षमता को लेकर यदि खाद का प्रयोग करेंगे तो उपजाऊ जमीन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा किसान परेशान है सेवा सहकारी समिति में डीएपी,यूरिया,पोटाश जैसे खाद का वितरण पहले किया गया था इसी में कंपोस्ट खाद का यदि प्रयोग करने से किसानों की फसल पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह तो आने वाला समय पर ही पता चलेगा लेकिन कंपोस्ट खाद के नाम पर मिट्टी पकड़ा कर किसानों को भ्रमित करना यह कहां का न्याय है जिला प्रशासन को संज्ञान में लेते हुए वर्मी कंपोस्ट खाद की जांच गौठानो में जाकर यदि जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ शासन के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के क्षेत्र में कंपोस्ट खाद के नाम से किसानों को जबरदस्ती लूटा जा रहा है वही मंत्री जी के संज्ञान में यह बात अभी तक नहीं पड़ी है जिले के ब्लॉक के आला अधिकारियों की दबंगई तानाशाही रवैया के चलते किसान खासे परेशान एवं मायूस के साथ ही आक्रोशित नजर आ रहे हैं यह मामले की जानकारी जिला प्रशासन को संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ शासन के महत्वकांक्षी योजना का परिपालन जमीनी स्तर पर वर्मी कंपोस्ट खाद किसानों को उपलब्ध करावे किसान के हितैषी बनने वाले छत्तीसगढ़ के सरकार आज मिट्टी को खाद बनाकर किसानों को परोसा जा रहा है वह सरासर अन्याय है।
जबकि कंपोस्ट खाद बनाने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार विधि है
सर्व प्रथम गोबर-मिट्टी-केछुआ को 21 दिन सड़ा कर सुखाया जाता है सूखने के पश्चात छानकर एक महीने बाद बोरी में पैकिंग कर के रखा जाता है तभी वर्मी कंपोस्ट खाद बन पाता है लेकिन यहां के गौठानो में गोबर और मिट्टी को एक साथ रखकर बिना सड़ाए बोरी में पैक कर मिट्टी युक्त खाद्य की बात कह कर किसानों को जबरदस्ती दिया जा रहा है यह सरासर किसानों के प्रति अन्याय है।
