
दुर्ग। कवर्धा में विगत दिनों सनातन धर्म आस्था के प्रतीक परम पवित्र भगवा ध्वज अपमान की घटना से आक्रोशित तथा घटना के पश्चात पुलिस एवं प्रशासन के पक्षपात पूर्ण व्यवहार से आहत सर्व हिंदू समाज ने मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले धरना प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट किया। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा। जिला प्रशासन के अधिकारी दुर्ग एसडीएम श्री पोयाम, एडिशनल एसपी संजय ध्रुव एवं कविलाश टंडन ने विश्व हिंदू परिषद के धरना स्थल पर मंच में उपस्थित होकर ज्ञापन लिया।

संत समाज की ओर से उपस्थित कान्हाजी महाराज ने कहा था हिंदू समाज स्वभाव से शांत और संयमी है, परंतु उसकी शांतिप्रियता और संयम को उसकी कमजोरी समझ कर बार-बार चुनौती दी जा रही है और हिंदू समाज को प्रतिक्रिया देने के लिए विवश किया जा रहा है।
वरिष्ठ समाजसेवी कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विगत 3 वर्षों से लगातार हिंदू समाज के स्वाभिमान को चुनौती जा रही है। धर्मांतरण और हिंदुओं के मान बिंदुओं पर हमले बढ़ रहे हैं जिसके लिए हिंदू समाज को स्वयं जागृत होकर रोष व्यक्त करना आवश्यक है।
हिंदू जागरण मंच के प्रदेश महामंत्री अवधेश दुबे ने कहा कि कवर्धा के स्थानीय विधायक और मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा बांग्लादेश और रोहिंग्या मुसलमानों को अपने विधानसभा क्षेत्र में विशेष रूप से कवर्धा जिले के आदिवासी अंचलों में जंगलों के अंदर के गांवों में बसाया जा रहा है, जिसके कारण गांव में आदिवासी संस्कृति भी प्रभावित हो रही है। ऐसे बाहरी तत्वों की भाषा शैली और संस्कृति में भारतीयता का कोई अंश नहीं है, आने वाले समय में इनके कारण आदिवासी इलाकों में भी विस्फोटक स्थिति बनने की संभावना है। ऐसी अवैध बसाहट के खिलाफ हर जगह हिंदुओं को आवाज उठानी चाहिए।
विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष संतोष गोलछा द्वारा कवर्धा की घटना को विस्तार पूर्वक जनसमूह के समक्ष रखा गया और संपूर्ण घटनाक्रम में मंत्री मोहम्मद अकबर और स्थानीय प्रशासन के पक्षपातपूर्ण व्यवहार की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष रतन यादव द्वारा ज्ञापन की विषय वस्तु को पढ़कर उपस्थित जनसमुदाय को सुनाया गया और उपस्थित जनसमूह का आभार प्रदर्शन किया गया। धर्म जागरण मंच की संयोजिका ज्योति शर्मा द्वारा भी संबोधन किया गया।
ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह मांग की गई कि कवर्धा की पूरी घटना की न्यायिक जांच की जाये और जिन जिहादी मानसिकता वालों ने भगवा ध्वज का अपमान किया, जय श्रीराम के जयघोष से चिढ़कर दुर्गेश को पीटा उनकी पहचान कर उन्हें दंडित किया जाये। जिन लोगों पर मामले दर्ज किये गये हैं वे मामले निःशर्त वापस लिये जाये। जिन अधिकारियों की विवेकहीनता के कारण बर्बर लाठी चार्ज हुआ और 3 हजार से अधिक लोगों को सरेआम पीटा गया ऐसे एस. पी., कलेक्टर, थानेदार कवर्धा, नायब तहसीलदार कवर्धा, को तत्काल निलंबित कर लाठी चार्ज की न्यायिक जांच की जाये। कवर्धा एवं छत्तीसगढ़ प्रांत में अवैध रूप से रह रहे लगभग 6 लाख लोगों की पहचान कर उन्हें बाहर किया जाये। कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के संरक्षण में नगर के एतिहासिक भोजली तालाब को मुस्लिम समाज द्वारा कब्जा कर लिया गया है उसे तत्काल मुक्त कराया जाए। कवर्धा करपात्रि जी महराज एवं कबीर पंथ के आचार्यों की कर्मस्थली रही है। पहली बार कवर्धा पर साम्प्रदायिकता का कलंक लगा है जिसके मूल में मंत्री मोहम्मद अकबर उनके प्रिय पात्र एवं उनकी कार्यशैली है। अतः छ.ग. प्रदेश तथा जिला कबीरधाम की खुशहाली के लिए छ.ग. सरकार तुरंत ही मोहम्मद अकबर को मंत्री पद से हटायें तथा उनके विधानसभा की सदस्यता समाप्त की जाये।
मंचासीनों में कान्हाजी महाराज, विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष संतोष गोलछा, वरिष्ठ समाजसेवी कौशलेंद्र प्रताप सिंह, हिंदू जागरण मंच के प्रदेश महामंत्री अवधेश दुबे, धर्म जागरण मंच की प्रदेश संयोजिका श्रीमती ज्योति शर्मा, पंडित पवन शर्मा, चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि शिरीष अग्रवाल शामिल थे।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से भिन्न-भिन्न हिंदू सामाजिक संगठन, समाज प्रमुख, संत समाज के प्रतिनिधि भजन मंडली, मंदिरों के पुजारीगण, दुर्ग भिलाई के गणमान्य नागरिक, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे। गणमान्य नागरिकों में चिकित्सक डॉ. रामस्वरूप शर्मा, डॉ. जयराम अय्यर, डॉ. दीप चटर्जी, बुधन सिंह ठाकुर, सुरेंद्र सिंह कैंबो, अधिवक्ता समीर त्रिपाठी, अधिवक्ता द्रोण ताम्रकार, सांसद विजय बघेल की प्रतिनिधि के तौर पर उनकी पत्नी श्रीमती रजनी बघेल, श्रीनिवास खेड़िया, बोल बम समिति के दया सिंह, पूर्व मंत्री रमशिला साहू, जागेश्वर साहू, पूर्व विधायक सांवलाराम डाहरे, महापौर चंद्रकांता मांडले, पूर्व जिला पंचायत सदस्य माया बेलचंदन, पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर, उषा टावरी, शंकर लाल देवांगन, ललित चंद्राकर, नटवर ताम्रकार, मार्कंडेय तिवारी, चंदन सिंह भदौरिया, नितेश साहू, संजय दानी, प्रीतपाल बेलचंदन संतोष मारकंडेय सहित संपूर्ण दुर्ग जिले के गांव गांव से हिंदू समाज के लोग शामिल हुए।
